Panchtantra story for the kids : The monkey and the carpenter : पंचतंत्र की कहानी बच्चों के लिए : बन्दर और लकड़ी का कीला
Panchtantra story for the kids : The monkey and the carpenter : पंचतंत्र की कहानी बच्चों के लिए : बन्दर और लकड़ी का कीला

Panchtantra story for the kids : पंचतंत्र की कहानी बच्चों के लिए : बन्दर और लकड़ी का कीला

एक बार की बात है । एक सेठ के बगीचे में एक मंदिर बनाने का काम चल रहा था । एक बढ़ई लकड़ी का एक बड़ा कुंदा आरी से काट रहा था । दोपहर होने पर वह आधी कटी लकड़ी के बीच में एक कीला फंसाकर चला गया । सभी मजदूर भी अपने औज़ार वैसे ही छोडकर चले गए ।
इतने में एक बंदरों का झुंड वहाँ आ पहुँचा । बंदरों के सरदार ने बंदरों को को कुछ भी छूने से मना किया और वहाँ से चलने को कहा । सभी बंदर सरदार के कहे अनुसार चल पड़े ।

किन्तु , उनमें से एक बंदर बड़ा ही शरारती था । वह वहीं रुक गया । वह सभी चीजों को छूकर देखने लगा । इतने में उसकी नज़र लकड़ी के कुंदे पर पड़ी । वह जाकर उसपर बैठ गया और कीले को देखने लगा । वह कीले को हिलाने – डुलाने लगा । कीला थोड़ा हिला तो उसका जोश और भी बढ़ गया । वह और ज़ोर से कीले को हिलाने लगा । बार – बार हिलाने से कीला बाहर आ गया लेकिन गलती से बंदर की पूंछ लकड़ी के बीच में फँस गयी । पूंछ के दबने से बंदर की चीख निकल गयी । चीख सुनकर मजदूर भागे – भागे आए । अब बंदर और भी घबरा उठा । उसने ज़ोर लगाकर भागना चाहा । इस चक्कर में उसकी पूंछ कट गयी ।

इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि जिस कार्य के बारे में जानकारी न हो उस कार्य में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए । पहले चीजों को सीखना चाहिए फिर उसमें हाथ आजमाना चाहिए ।

Panchtantra story for the kids :  पंचतंत्र की कहानी बच्चों के लिए : बन्दर और लकड़ी का कीला

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